मौनी अमावस्या : जाने सही तारीख, शुभ मुहूर्त, नियम और गंगा स्नान का महत्व

 मौनी अमावस्या : जाने सही तारीख, शुभ मुहूर्त, नियम और गंगा स्नान का महत्व

सनातन संस्कृति वैश्विक संस्कृति है इस के अंदर प्राणी मात्र का कल्याण की भावनाये है।  सनातन धर्म ही कल्याण का धर्म है। जो कोई भी मानव मात्र अपना सकता है उसे धर्म परिवर्तन की आवश्यकता नहीं होती है। अपितु यह मनुष्य के विचार परिवर्तन पर विश्वास रखती है। हमारा विश्वास यह है कि हर मानव में देवत्व होता है। अगर उसे जगाया जाए तो वह देवत्व  निश्चित रूप से उसे आगे बढायेगा। जब तक कोई मनुष्य इस बात का निश्चय ना  कर ले उसे करना क्या है तब तक जीवन में परिवर्तन नहीं होगा। मौनी अमावस्या का पर्व  यह निश्चित रूप से एक अवसर के रूप में आता है।  


हर मानव के जीवन में मौन की महत्व को बताता है। अगर हम अपने को समझने का प्रयास करें तो हम  शरीर,मन, आत्मा को प्रशिक्षित कर के जीवन में बहुत आगे बढ़ सकते है। मानव से महामानव, महामानव से देवमानव  की यात्रा हम पूरी कर सकते हैं। इस वर्ष की मौनी अमावस्या के अवसर पर  होरोस्कोप फॉर दिस वीक के अनुसार हम सब का परम कर्तव्य है कि इस मोनी अमावस्या में अपने मन को संकल्पित करे। सन्मार्ग पर बढ़ने की प्रेरणा के रूप में, अच्छे विचारो के सृजन के रूप में और अपने को जानने के रूप में हमें ये प्रयास करने चाइए।

 

मौनी अमावस्या तिथि और शुभ मुहूर्त 

इस वर्ष मौनी अमावस्या का त्यौहार 21 जनवरी को मनाया जाएगा। मौनी अमावस्या तिथि  21 जनवरी शनिवार सुबह 6:17 से प्रारंभ होकर 22 जनवरी 2:22 तक रहेगी उदया  तिथि के अनुसार यह पर्व  21 जनवरी को मनाया जाएगा।   

 

मौनी अमावस्या पर सूर्य-शुक्र की युति, बन रहा है खप्पर संयोग

इस मौके पर शनि, सूर्य और शुक्र की युति से  खप्पर योग का निर्माण होगा यह योग  7 मार्च तक  फाल्गुन मॉस तक रहेगा।  22 अप्रैल से 15 मई तक चतुर ग्रही योग का निर्माण होगा साथ ही 10 मई से 30 जून तक शनि का षडाष्टक योग है। मंगल शनि का सबसे अच्छा उत्तम योग भी बहुत ही प्रभावशाली है। इन सब योगो  का प्रभाव वैश्विक स्तर पर कई अद्भुत घटनाओं अप्रत्याशित घटनाओं के रूप में आएगा।  


गंगा स्नान का महत्व

कल की अमावस्या शनिवार को पड़ रही है इसे शनिचरी अमावस्या कहा जाता है। और यह माघ मास की माह की पहली शनिचरी अमावस्या है। इस  शनिचरी अमावस्या के दिन स्नान करने से बहुत ज्यादा फल की प्राप्ति होगी। जो भी लोग इस दिन अपने पितरों के निमित्त श्राद्ध व तर्पण करने करेंगे को प्रसन्नता प्राप्त होगी। और उनकी जीवन में मान सम्मान धन वैभव की वृद्धि होगी। एक सामान्य उपाय आप अगर पित्र शनिचरी अमावस्या के दिन करते है। जिसमें  चावल और दूध की खीर बनाएं। जलती हुए कण्डो  पर पितरों के निमित्त खीर का भोग लाए। इसे सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।  


पीपल के पेड़ के नीचे सरसों का दीपक जलाएं। और मान्यता यह है कि इस दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को दान देना चाहिए। जिससे बहुत ही उत्तम फल प्राप्ति होती है। इस दिन  गंदे  विचारों से दूर रहे, भावना को शुद्ध करे, मन के संकल्पों को सच्चा बनाइए। और इसके बाद अपने जीवन को अच्छा जीने का संकल्प लीजिए। तब जाकर के मौनि अमावस्या के लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे। 

 

मौनी अमावस्या के दिन जाने मौन रहने का सही मतलब 

हमारा सनातन धर्म रहा है। उसके यह जो त्यौहार है यह वास्तव में आध्यात्मिक ज्ञान से परिपूर्ण होते है। आध्यात्मिक जीवन के लिए यह परम आवश्यक है कि हम मौन को अपना हथियार बनाए। क्योकि मौन तपस्या होती हैं।  मौन का मतलब सिर्फ ना बोलने से नहीं होता। मानसिक रूप से विचारों का जो हम सृजन करते हैं प्रत्येक क्षण यह भी हमें बंद कर देना चाहिए। हमें सिर्फ एक ही विचार अपने मन में रखना चाहिए — हम प्रभु के हैं और प्रभु हमारे है। सर्वोत्तम विचार है कोई भी व्यक्ति इस विचार को अपने मन में धारण करेगा।  निश्चित रूप से वह जीवन में आगे बढ़ेगा तो यह माघ मॉस की मोनी अमावस्या हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है कि जीवन का ऊर्जा का स्रोत हमारी अंदर है। हमें उसी ऊर्जा के स्रोत को जागृत करना है।    


आत्मा जो है सर्वशक्तिमान है क्यों क्योंकि इसे न शस्त्र काट सकते हैं। न हवा सुखा सकती है ना पानी भिगो सकता है, न आग जला सकती है। उस सर्वशक्तिमान आत्मा तक पहुंचने का मार्ग है मौन। हम स्वयं तक कैसे पहुंचे जब हम मौन में अपने आप को संकल्पित करेंगे तो हमारी ऊर्जा जो है जागृत अवस्था में हो जाएगा और उसी आत्मा को जिसको भगवान श्री कृष्ण ने कहा था नैनम छिंदंति शस्त्राणि नैनम दहति पावक हम रिलाइज कर लेंगे। 


हम अनुभव करेंगे अपने अंदर तो वास्तव में यह एक अनुभव का स्रोत है। यह इस बात का अवसर है कि हम अपने आप को संकल्पित कर ले। हमारे ऑनलाइन एस्ट्रोलॉजर्स कहते है कि इस बार माघ माह की अमावस्या को अपने जीवन में हम जहां से हैं वहां से आगे उठाएं यही हमारे लिए सच्ची मौनी अमावस्या होगी।

 

 

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