कैसे रत्नो के उपचार से आप अपनी जीवनशैली को बेहतर बना सकते है?

  कैसे रत्नो के उपचार से आप अपनी जीवनशैली को बेहतर बना सकते है?

आजकल की कठिन परिस्थिति में एक उपचारात्मक पद्धति वह है जिसको हम सभी उपयोग में लाना चाहते है । वैदिक ज्योतिष के अनुसार हम विभिन्न रत्नो की सकारात्मक ऊर्जाओं पर भारोसा कर सकते है। जो हर जगह हर तरह की सकारात्मक ऊर्जाओं का शरीर में संचार करती है। ऐसी है रत्नो की आस्था और लोकप्रियता जो युगों युगों से प्रचलित है।
इसके अलावा आप अपना डेली होरोस्कोप इन हिंदी रेगुलर बेसिस पर चैक कर सकते है। 

वास्तव में रत्नो ने हर तरह के उपचारों जैसे मानसिकता,भौतिकता तथा चिकित्सा में भी योगदान देकर इसमें वृद्धि की है। इससे यह पता चलता है कि आप अपने वास्तविक जीवन में इसका उपयोग कर अपने जीवनकी सभी समस्याओं का निवारण कर सकते है। आजकल हम अनेक तरह के रत्नो से परिचित है और उनकी ऊर्जा अनेक तरह से कार्य करती है। जिस भी जनम्पत्रिका का अध्ययन करके ज्योतिष यदि कोई भी रत्न पहनने को कहते है उसी के अनुरूप वह रत्न उस व्यक्ति पर अपना कार्य करता है। इसके हर ग्रह के अलग अलग रत्न होते है। आइये जानते है किस तरह अन्य रत्न आइये जानते है किस तरह अन्य रत्न आपकी जीवनशैली को खूबूसरत बनाते है और किस प्रकार–     

पुखराज रत्न: इसमें अविश्वसनीय औपचारिक गुण होते है । यह रत्न ब्रहस्पति ग्रह के लिए धारण किया जाता है। यह पाचक प्रणाली तथा गुर्दा और लिवर से सम्बंधित सभी प्रक्रियाओं को संचालित करता है तथा उपचार पद्धति में सहायता देता है । यह पेट से सम्बंधित तथा टी.बी. जैसी बीमारियों को भी ठीक करता है।

नीलम: यह शनि ग्रह का रत्न है। यदि कुंडली में शनि ग्रह से सम्बंधित कोई भी बीमारी या समस्या जैसे दिमाग़ को शांत रखना, किसी भी तरह का भ्रम और अवसाद से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। यह जोड़ो का दर्द, आमाशय, गठिया जैसी बीमारी को दूर करता है। आपकी मानसिक स्थिति को ठीक करने में सहायक होता है।

पन्ना: यह बुध ग्रह का रत्न है। यह एक ऐसा रत्न है जो कि चिकित्सा लाभ देता है। यह आँखों, कान और त्वचा सम्बन्धी रोगों से बचाता है। यह तंत्रिका तंत्र, मनोवैज्ञानिक स्वास्थ को ठीक करता है। अधिक जानकारी और सही उपचार करने के लिए आप हमारे टॉक टू एस्ट्रोलॉजर ऑनलाइन विकल्प का इस्तमाल कर अधिक से सही जानकारी प्राप्त कर सकते है।   

माणिक: यह सूर्य ग्रह का रत्न है। यह दैवये शक्ति युक्त माणिक अस्व्स्त्था के समय बहुत उपयोगी सिद्ध होता है। ऐसा माना जाता है। यह रत्न ज़हर को मारने या उसके ख़िलाफ़ एक मारक के रूप में कार्य करता है। यह रक्तचाप तथा रक्त सम्बन्धी बीमारियों को नियंत्रित करता है। यहआत्मसम्मान में वृद्धि करता है। और हृदय,आँखें सम्बन्धी रोगों से भी मुक्ति दिलाता है।

मोती: यह चंद्रमा ग्रह का रत्न है। यह शरीर, मन, त्वचा पर सुखी प्रभाव डालता है। यह शरीर और मन को साफ़ तथा शुद्ध करता है। यह साफ़ पानी की तरह शरीर , दिमाग़ को शुद्ध बनाकर उसका उपचार करता है। यह रत्न क्रोध को शांत करने में मदद करता है और यह शीतलता प्रदान करता है।

मूंगा: यह मंगल ग्रह का रत्न है। मंगल ग्रह का यह रत्न महत्वकांक्षी होता है। यह व्यक्ति की कुंडली में अच्छी स्थिति में हो तो व्यक्ति की ऊर्जा को बढ़ाता है। किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य,रक्त परिसंचरण और चोटों को कम करने में सहायता करता है।

कैट्स आइ: यह रत्न केतु ग्रह से सम्बंधित है। यह अंतरज्ञान और जागरूकता बढ़ाता है। इससे गुर्दे,अन्याशय, ल्यूकेमिया से सम्बंधित बीमारिया ठीक होती है। यह प्राकृतिक या वैश्विक संकटो जैसे सड़क दुर्घटनाओं से भी बचाता है। 

गोमेद: यह रत्न राहु ग्रह का रत्न है। यह उसकी नकारतमकता के ख़िलाफ़ जाकर सकारात्मकता को प्रदान करता है। इससे गहरी चिंताए और मानसिक समस्याओं को नियंत्रित किया जाता है। धड़कन,अस्थमा,साइनस, जैसी बीमारियों ठीक होती है। हमें अपने उदेश्य और अपनी समस्याओं और कुंडली के गहन अध्ययन और सही एस्ट्रोलॉजी ऑनलाइन कंसल्टेशन करने के पश्चात ही किसी रत्न का चुनाव करना चाहिए।

जो व्यक्ति विशेष की समस्याओं को बढ़ाने की बजाय उसे घटाकर व्यक्ति की सभी समस्याओं को समाप्त करे। रत्न के चुनाव के साथ साथ आपको ज्योतिषविशेष का भी चुनाव करना चाहिए ताकि वह आपका सही मार्गदर्शन कर सके।

 

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